Haryana Bawal: हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम पर बवाल, सड़कों पर उतरे 20 हजार कर्मचारी, चंडीगढ़ पुलिस ने किया लाठीचार्ज; शाम को CM से मिला मीटिंग का न्यौता

Haryana News: हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक बड़े समूह के प्रदर्शन के दौरान बवाल हो गया है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर रविवार को बड़ी संख्या में राज्य सरकार के कर्मचारियों ने चंडीगढ़ के लिए कूच किया। लगातार आगे बढ़ते इन कर्मचारियों को चंडीगढ़ पुलिस ने सीमा पर रोकने की कोशिश की जिस पर दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ीं और आंसू गैस के गोले दागे।
बताया जाता है कि राज्य सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की मांग को लेकर पंचकूला में जमा हुए। कर्मचारियों का प्रदर्शन पंचकूला से शुरू हुआ। इसके बाद कर्मचारियों ने चंडीगढ़ की ओर कूंच करना शुरू किया। हरियाणा के इन कर्मचारियों काफिला जब पंचकूला-चंडीगढ़ सीमा पर जमा हुआ तब पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए।
बताया जाता है कि इन प्रदर्शनकारियों ने केंद्र शासित प्रदेश की सीमा में दाखिल होकर हरियाणा के मुख्यमंत्री के आवास का 'घेराव' करने के लिए मार्च निकालने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस ने यह कार्रवाई की। पुलिस ने बताया कि सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। प्रदर्शनकारी 'ओल्ड पेंशन स्कीम रेस्टोरेशन स्ट्रगल कमेटी' के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे। समिति के प्रतिनिधि ने पंचकूला में दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में कुछ कर्मचारी घायल हुए हैं।
राज्य कर्मचारियों की 'ओल्ड पेंशन स्कीम रेस्टोरेशन स्ट्रगल कमेटी' के एक प्रतिनिधि ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग करना एक वैध मांग है। राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने इसको बहाल किया है। हरियाणा सरकार यह बहाना बना रही है कि यदि वह पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी तो दिवालिया हो जाएगी। हरियाणा सरकार झूठ बोल रही है। राजनेताओं को जब पेंशन दी जा सकती है तो कर्मचारी जो 25 से 30 साल तक सेवा देते हैं, उनको पेंशन क्यों नहीं दी जा सकती है।
समिति के प्रवक्ता प्रवीण देशवाल ने कहा- करीब 70,000 कर्मचारी विरोध करने के लिए जमा हुए हैं। भाजपा सरकार कर्मचारियों से बात नहीं करती है। सरकार हमारे आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है। हमारी मांगे जब तक नहीं मानी जाती तब तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन पाने का हकदार होता है। देशवाल ने कहा कि मासिक पेंशन आम तौर पर कर्मचारी के अंतिम आहरित वेतन का आधा होता है। वहीं भाजपा का आरोप है कि इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ है। कांग्रेस चुनावों में फायदा उठाने के लिए कर्मचारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
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