करतारपुर कॉरिडोर आज से खुला, श्रद्धालुओं करना होगा रजिस्ट्रेशन

Kartarpur Corridor Re-open: करीब बीस महीने बाद श्रद्धालुओं की कामना पूरी हुई. पाकिस्तान में दरबार साहिब के लिए कॉरिडोर खुल गया. रजिस्ट्रेन होते ही पहला जत्था दर्शन के लिए पहुंच गया. पाकिस्तान के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से उन श्रद्धालुओं को फूलों की हार पहनाकर उन सभी का स्वागत किया गया. श्रीगुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व से ठीक पहले दरबार साहिब रोशनी से जगमगा रहा है. इस खास मौके पर अरदास और कीर्तन में भी श्रद्धालु शामिल हुए. आइये जानते हैं दरबार साहिब के बारे में-
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करतारपुर सिखों का पवित्र स्थान है जो इस वक्त पाकिस्तान में है. पहले सिख गुरु श्री गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन का आखिरी वक्त यहीं बिताया है. लेकिन पाकिस्तान में होने की वजह से यहां दर्शनों में दिक्कत आती थी जिसे करतारपुर कॉरिडोर के सुलझाने की कोशिशें की गई हैं. कुछ साल पहले तक भारत के सिख श्रद्धालु सिर्फ दूरबीन से दरबार साहिब के दर्शन किया करते थे. लेकिन करतारपुर कॉरिडोर खुलने से वो अब सीधे दरबार साहिब में जाकर माथा टेक सकते हैं.
17 नवंबर से करतारपुर साहिब गलियारा को फिर से खोलने का निर्णय
अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘एक बड़ा फैसला जो लाखों सिख श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचाएगा, नरेंद्र मोदी सरकार ने कल, 17 नवंबर से करतारपुर साहिब गलियारा को फिर से खोलने का निर्णय किया है.’ गृह मंत्री ने कहा, ‘यह फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है.’ उन्होंने कहा कि राष्ट्र 19 नवंबर को श्री गरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि यह कदम ‘देश भर में खुशी और उत्साह को और बढ़ा देगा.’
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इसके लिए करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने जानकारी दी है कि करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) में मत्था टेकने के लिए जाने के इच्छुक श्रद्धालु बुधवार से इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. पंजाब के बीजेपी नेताओं ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान नेताओं ने उनसे अनुरोध किया कि गुरुपर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर को पुन: खोला जाए. यह प्रतिनिधिमंडल पंजाब की बीजेपी ईकाई के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में पीएम मोदी से मिला था.
वहीं बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में पंजाब के बीजेपी नेताओं ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से भी गुरुपर्व के मौके पर मिलकर कॉरिडोर को फिर खोलने की मांग की थी. ऐसा भी कहा गया था कि अमित शाह ने इस मामले पर ध्यान देने की बात कही थी.
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क्या है करतारपुर कॉरिडोर?
करतारपुर कॉरिडोर का एक सिरा भारत में है. इसे पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक के साथ जोड़ा गया है. वहीं पाकिस्तान में दरबार साहिब गुरुद्वारा है जिसकी दूरी सीमा से 4 किलोमीटर है. कॉरिडोर की कुल लंबाई करीब पांच किलोमीटर है. इस कॉरिडोर के बाद दर्शन के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है. 9 नवंबर 2019 को इस कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ था. हालांकि 16 मार्च 2020 को कोरोना फैलने पर इस कॉरिडोर को बंद करना पड़ा था.
क्या है धार्मिक महत्व?
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है. माना जाता है कि 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी. उन्होंने अपने जीवन के आखिरी साल यहीं बिताए थे. गुरु नानक देव जी ने अपनी जिंदगी के 17-18 साल यहीं रहे थे. यहीं गुरुनानक देव की ज्योति लीन हुए. भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय करतारपुर का इलाका पाकिस्तान में चला गया था. कहते हैं कि बंटवारे के समय एक अंग्रेज वकील की गलती से पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था. दरअसल रावी नदी को बॉर्डर माना गया जिसके चलते करतारपुर का इलाका पाकिस्तान को सौंप दिया गया.