मोरबी पुल हादसे के बाद PM मोदी को लेकर फेक फिगर पोस्ट करने वाले TMC प्रवक्ता साकेत गोखले बेल के बाद फिर अरेस्ट

TMC spokesperson Saket Gokhale, who posted fake figures about PM Modi after Morbi bridge accident, arrested again after Bell

अहमदाबाद(Ahmedabad). अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने गुरुवार(8 दिसंबर) को तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले(Trinamool Congress spokesperson Saket Gokhale) को मोरबी पुल हादसे के बाद पीएम मोदी की विजिट को लेकर किए गए एक फेक ट्वीट से जुड़े मामले में जमानत दे दी। यह पोस्ट उन्होंने कथित तौर पर मोरबी पुल हादसे के बारे में पोस्ट की थी। हालांकि इसके तुरंत बाद मोरबी पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया।

यह है पूरा मामला...


असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (साइबर क्राइम) जितेंद्र यादव ने कहा कि चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एमवी चौहान ने गोखले की पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद अदालत में पेश किए जाने के बाद उसे जमानत दे दी। यादव ने कहा कि इसके तुरंत बाद मोरबी पुलिस ने वहां दर्ज एक अन्य अपराध में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

टीएमसी ने एक ट्वीट में कहा- "हमारे राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को बिना किसी उचित कारण के गुजरात पुलिस द्वारा उनकी रिहाई के कुछ क्षण बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।" यह दावा करते हुए कि लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार अब खतरे में हैं, टीएमसी ने कहा, "हम उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।" 

बता दें कि 1 दिसंबर को साकेत गोखले ने सूचना के अधिकार(RTI) के माध्यम से कथित रूप से मिली जानकारी के बेस पर एक न्यूज क्लिपिंग शेयर की थी। इसमें दावा किया गया था कि पुल गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।

गोखले ने लगाया था ये इल्जाम


मोदी की मोरबी विजिट पर टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कथित आरटीआई के हवाले से दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी के लिए 5.5 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। जबकि हादसे में जान गंवाने वाले 135 लोगों के परिजनों को सरकार ने सिर्फ चार लाख का मुआवजा दिया, जो कुल पांच करोड़ होता है। साकेत गोखले ने इल्जाम लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इवेंट मैनेजमेंट की कीमत 135 लोगों के परिजनों को दिए गए मुआवजे से ज्यादा थी। हालांकि गोखले के इस दावे को फर्जी बताया गया था। पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने बताया था कि पीएम मोदी की मोरबी यात्रा के दौरान 30 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा फर्जी है। पीआईबी ने ऐसी किसी भी आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया है।

जानिए मोरबी में क्या हुआ था?


गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम करीब 6.30 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया था। इससे 400 से अधिक लोग मच्छु नदी में गिर गए। इस भयंकर हादसे में 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इनमे 50 से ज्यादा बच्चे और महिलाएं थीं। हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया की फैमिली के 12 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, पुल 6 महीने से मेंटेनेंस और रिनोवेशन के लिए बंद था। करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से यह काम पूरा किया गया था। 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। हालांकि इसके लिए परमिशन नहीं ली गई थी। 

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