Chhattisgarh News: बिलासपुर में हिस्ट्रीशीटर व कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या

Chhattisgarh News: History sheeter and Congress leader shot dead in Bilaspur

हिस्ट्रीशीटर व कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की बुधवार की शाम दो कार में आए अज्ञात लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी। इसके बाद फरार हो गए। संजू अपने फार्म हाउस से कार से लौट रहा था। इस वारदात के पीछे जमीन विवाद और पारिवारिक दुश्मनी की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि संजू अपनी दबंगई से जमीन पर कब्जा करने का काम भी करता था। इसके चलते उसकी कई लोगों से दुश्मनी थी। पिता व भाई ने भी उसके खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस नाकेबंदी कर आरोपितों की तलाश में जुटी थी।

प्रोफेशनल शूटर्स ने इस वारदात को दिया अंजाम


छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सिविल लाइन क्षेत्र के कुदुदंड में रहने वाले संजू उर्फ प्राणनाथ त्रिपाठी के खिलाफ बिलासपुर के अलावा मध्य प्रदेश के अलग-अलग थानों में हत्या, लूटपाट समेत 27 मामले दर्ज हैं। बताया जाता है कि बुधवार को वह अपने फार्म हाउस से कार से लौट रहा था तभी शाम करीब 4:15 बजे सकरी ओवरब्रिज के पास पीछे से आईं दो कार में सवार अज्ञात लोगों ने उस पर दोनों ओर से ताबड़तोड़ कई राउंड गोलियां चला दीं।

इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। आरोपित इसका फायदा उठाकर भाग निकले। संजू के सिर पर तीन, पीठ पर दो और पसली के पास एक गोली लगी। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पर आइजी बीएन मीणा, एसपी पारल माथुर, एएसपी सिटी राजेंद्र कुमार जायसवाल आदि मौके पर पहुंचे। उनकी मौजूदगी में शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। पुलिस ने आशंका जताई है कि प्रोफेशनल शूटर्स ने इस वारदात को अंजाम दिया होगा।


घटनास्थल पर गोलियों के नौ खाली खोखे मिले हैं। फेसबुक प्रोफाइल में लिखा है कांग्रेस महामंत्री दरअसल, संजू कांग्रेस के कार्यक्रमों में सक्रिय रहता था। उसकी फेसबुक प्रोफाइल में कांग्रेस महामंत्री लिखा हुआ है। अपने जन्मदिन के विज्ञापनों में भी वह कांग्रेस महामंत्री लिखवाता था। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने एक बयान जारी कर संजू के कांग्रेस से जुड़े होने से इन्कार किया है।

एसपी पारल माथुर ने भी कहा है कि संजू का किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं था। पुलिस की इस सफाई पर सवाल भी उठने लगे हैं। 16 साल की उम्र में पहला अपराधसंजू त्रिपाठी पर 1992 में पहला मामला दर्ज किया गया था। इस दौरान उसकी उम्र 16 साल थी। उसके खिलाफ मध्य प्रदेश के अनूपपुर और राजेंद्रग्राम थाने में भी हत्या के दो मामले दर्ज हैं। बताया जाता है कि उसके खिलाफ जिलाबदर की भी तैयारी थी।

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