22 लाख का पैकेज ठुकराकर शुरू की यूपीएससी की तैयारी, ऐसे बने IAS Arpit Sangal | Rank 53 Arpit Sangal | UPSC

यूपीएससी परीक्षा (UPSC ) की तैयारी के लिए आप मेहनत करके भाग्य को बदल दें। लिखने का प्रयास बेहद जरूरी है। इसके मध्य में आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। यह सभी टिप्स यूपीएससी 2021 (UPSC 2021) परीक्षा में 53वीं रैंक (Rank 53) प्राप्त करने वाले अर्पित संगल (Arpit Sangal) ने विद्यार्थियों को दिए।
उन्होंने अपने भी कुछ अनुभव साझा करते हुए बताया कि कोई भी 12 घंटे लगातार नहीं पढ़ सकता, दिमाग लगाकर पढ़ेंगे तो छह से सात घंटे की पढ़ाई काफी है। उन्होंने कहा कि तैयारी के दौरान कुछ विषयों की कोचिंग ली और वेबसाइट की मदद ली। खुद के बनाए गए नोट्स से ही तैयारी की। अधिकतर समय उन्होंने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी की।
वह बताते हैं कि स्वास्थ्य को महत्व देते हुए आप तैयारी करें, कोई भी एक खेल चुन लें और पढ़ाई से ब्रेक लेकर उसे खेलें। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाषा को बाधा न बनाएं। ध्यान रखें कि व्याकरण संबंधी गलती न हों, शब्दावली पर मुख्य फोकस करें। अखबार का ज्ञान परीक्षा के दौरान विशेष भूमिका निभाता है। संपादकीय से काफी मदद मिलती है, उन्हें अपने तरीके से नोट्स में तब्दील करने से तैयारी आसान हो जाती है। इंटरव्यू को उन्होंने पर्सनली टेस्ट बताते हुए कहा कि इसमें आत्मविश्वास व ईमानदारी का अहम रोल होता है।
साक्षात्कार में पूछा गणित से प्रशासन कैसे चलाओगे?
अर्पित बताते हैं कि गणित उनका मुख्य विषय रहा। इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि आप कैसे गणित से प्रशासन देखोगे। हालांकि परीक्षा की तैयारी के दौरान बाकी विषयों में रूचि बढ़ती चली गई। समाजशास्त्र और राजनीति जैसे विषय अब पसंदीदा बन गए हैं।
हौसला और मेहनत के दम पर मिलती है कामयाबी
अर्पित संगल का युवाओं के लिए संदेश है कि अगर हौसला, आत्मविश्वास मजबूत हो और कुछ करने की सच्ची लगन हो तो सफलता अवश्य मिलती है। लक्ष्य निर्धारित कर उस पर डटे रहे। अगर कभी फेलियर का भी सामना करना पड़े तो गलत कदम न उठाएं। कोशिश करते रहें अगर यूपीएससी नहीं तो किसी और क्षेत्र में अपना करियर बनाएं।
22 लाख का पैकेज ठुकराकर शुरू की यूपीएससी की तैयारी
इससे पूर्व यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2020 के घोषित परिणाम में अर्पित संगल ने 239वीं रैंक पाई। आईपीएस के लिए चुने गए। अर्पित ने 2014 में इंटर की परीक्षा पास की थी। उन्होंने आईआईटी एडवांस में 283वीं रैंक पाई और दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया। बीटेक करते हुए तीसरे साल में ही उनको बैंगलोर की प्रतिष्ठित मोबाइल निर्माता कंपनी में 22 लाख रुपये सालाना पैकेज पर नौकरी मिली, लेकिन उन्होंने ज्वाइन न करके सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
परिवार का हमेशा साथ रहा
वह बताते हैं कि इस जर्नी में परिवार सबसे ज्यादा महत्व रखता है। परिवार की ओर से अगर प्रेशर न हो तो आप भी मोटिवेटेड रहते हैं। पिता सुशील संगल पुत्र स्वर्गीय मक्खनलाल का शामली स्थित नई मंडी में मूंगफली का कारोबार है और मां कुमकुम गृहणी है। भाई शशांक बिजनेस करते हैं और पिता के कारोबार में सहयोग करते रहते हैं। छोटी बहन खुशी कक्षा नौ में पढ़ती है। सभी ने हमेशा मेरी प्रतिभा को सराहा और मेरी तैयारी में अहम भूमिका निभाई।