प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में लिखा था UPSC प्रीलिम्स, बनीं IPS, जानें- पूनम दलाल की कहानी

UPSC Success story 2022: सफलता कभी भी आसान तरीके से नहीं मिलती, लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। पूनम दलाल एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत, दृढ़ता और इच्छा शक्ति के दम पर IPS बनने का सपना पूरा किया। आइए जानते हैं उनके बारे मे, कैसे शुरू की थी UPSC परीक्षा की तैयारी।
पूनम दलाल हरियाणा के झज्जर के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह दिल्ली में पैदा हुई और पली-बढ़ी। साल 2002 में 12वीं कक्षा पास करने के बाद, उन्होंने जीबीटी का कोर्स किया और कोर्स खत्म होने के दो साल उन्हें एमसीडी स्कूल, रोहिणी, नई दिल्ली में प्राथमिक शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई। नौकरी के साथ-साथ, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री ली।
अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह विभिन्न बैंक PO परीक्षाओं में शामिल हुई। उन्होंने उन सभी को सफलतापूर्वक पास कर लिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) के रूप में शामिल होने का फैसला किया।
SBI में 3 साल काम करने के बाद, पूनम ने पूरे भारत में 7वीं रैंक के साथ SSC ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा 2006 में सफलता हासिल की। इसके बाद वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में शामिल हो गईं। इस अचीवमेंट ने पूनम को और भी अधिक आत्मविश्वासी बना दिया और उनके मन में यूपीएससी की परीक्षा देने की इच्छा पैदा हुई।
...जब हुई शादी
साल 2007 में पूनम की शादी असीम दहिया से हुई, जो नई दिल्ली मेंकस्टम एक्साइज डिपार्टमेंट में कार्यरत थे। उन्होंने हमेशा पूनम को उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित और सपोर्ट किया। शादी के बाद पूनम ने अपनी नौकरी और पढ़ाई जारी रखी।
28 साल की उम्र में पूनम पहली बार UPSC CSE परीक्षा में बैठी। उन्हें रेलवे (RPF) डिवीजन मिला था, लेकिन वहां शामिल होने के बजाय, उन्होंने अगले साल फिर से UPSC परीक्षा में बैठने का फैसला किया।
वह परीक्षा में बैठी और उसे फिर से रेलवे डिवीजन मिला, इस बार IRPS था। इस बीच उन्होंने हरियाणा PSC परीक्षा पास कर ली और साल 2011 में हरियाणा पुलिस में डिप्टी सुपरिटेंडेंट के रूप में शामिल हो गईं। इस साल, पूनम यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में असफल रहीं और परीक्षा पास करने की सभी उम्मीदें खो दीं थी, क्योंकि वह यूपीएससी परीक्षा में बैठने के लिए उम्र सीमा क्राइटेरिया से बाहर हो चुकी थी।
... जब किस्मत ने दिया साथ
एक कहावत है, "भाग्य उन्हीं का साथ देता है, जो बहादुर हों"। साल 2015 में सरकार ने कहा, "सरकार ने उन सभी को एक अतिरिक्त प्रयास देने जा रही है, जिन्होंने 2011 में सिविल सेवा परीक्षा के लिए लिखा था"
इस खबर के बाद पूनम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्हें यूपीएससी परीक्षा में बैठने का एक और मौका मिला।
- 9 महीने की गर्भवती थी पूनम, जब लिखा था प्रीलिम्स
यूपीएससी परीक्षा देने का दूसरा मौका उनके लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में आया। उनके पास पहले से ही हरियाणा पुलिस में एक डीएसपी के पद पर फुलटाइम नौकरी थी, साथ ही वह 9 महीने की गर्भवती थी जब वह यूपीएससी प्रीलिम्स के लिए बैठी थी।
बता दें, उन्होंने 275 अंकों के साथ प्रीलिम्स क्लियर किया। जब वह मेन्स के लिए बैठी थी, तब उसका बच्चा केवल 3 महीने का था। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, पूनम ने 897 अंकों के बड़े स्कोर और 308वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की थी। बता दें, पूनम दलाल वर्तमान में एसीपी के पद पर गुड़गांव में कार्यरत हैं।