UPPSC Success Story: गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाकर टॉप किया यूपीपीसीएस, ऐसी है अफसर बनने की कहानी

UPPSC Success Story: UPPCS topped by teaching poor children for free, this is the story of becoming an officer

UPPCS Topper Sanchita: जब घर के बच्चे पढ़कर अफसर बनते हैं तो सबको अच्छा लगता है, लेकिन जब घर के बच्चे दूसरों की पढ़ाई के बारे में भी सोचने और उसके लिए कुछ करने लगते हैं तो यह और सराहनीय हो जाता है. आज हम एक ऐसी ही महिला अफसर की बात कर रहे हैं जिनका नाम संचिता शर्मा है. जब यूपीपीसीएस 2020 का रिजल्ट आया तो उन्होंने टॉप किया था. 

 संचिता के फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो वह पंजाब के शबीद भगत सिंह नगर की रहने वाली हैं. संचिता ने दसवीं तक की पढ़ाई शिवालिक स्कूल से की. इसके बाद 12वीं चंडीगढ़ से की है. संचिता ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से बीई केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन में एमबीए किया है. जब संचिता अपनी पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कर रही थीं तो वह उसी दौरान कुछ लोगों के साथ मिलकर गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाती थीं. इतना ही नहीं वह दूसरे सोशल कामों में भी हिस्सा लेती थीं. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्राइवेट नौकरी भी की थी.

संचिता के पिता चंद्र शेखर फार्मासिस्ट हैं और एक जनऔषधी केंद्र चलाते हैं. वहीं उनकी मां इंटर कॉलेज में लेक्चरर हैं. जब संचिता ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी कर ली तो उसके बाद उन्होंने यूपीपीसीएस की तैयारी करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग को जॉइन कर लिया. रिजल्ट के बाद संचिता ने कहा कि, 'यह दिन और रैंक मेरे लिए बहुत खास है. मेरे माता-पिता, बहन और भाई ने मेरे इस मुकाम को पाने के लिए मुझे हमेशा सपोर्ट किया."


साल 2020 से पहले संचिता ने साल 2019 में यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया था, लेकिन वह उस दौरान सफल नहीं हो पाई थीं. हालांकि उन्होंने इस असफलता से हार नहीं मानी और उन्होंने और फोकस के साथ तैयारी की और दूसरे अटेंप्ट में टॉप कर लिया. 

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