UPPSC Success Story: कहानी उस जिला रोजगार अधिकारी की जिसने 4 साल की प्राइवेट नौकरी फिर बन गए सरकारी अफसर

UPPSC: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) एग्जाम में विवेकानंद सिंह ने अपने पहले प्रयास में 27वीं रैंक प्राप्त की थी. विवेकानंद ने इंजीनियरिंग से अपना ग्रेजुएशन किया और ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद उन्होंने चार साल तक प्राइवेट कंपनी में जॉब की. प्राइवेट नौकरी के दौरान ही उन्हें सिविल सर्विस में जाने की सोची और 2016 में UPPCS के लिए तैयारी शुरू कर दी थी. इसके बाद उन्होंने यूपीपीसीएस एग्जाम 2017 में सफलता प्राप्त की. उन्हें सहायक जिला रोजगार अधिकारी का पद मिला.
विवेकानंद सिंह ने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि तीन स्टेप में होने वाले इस एग्जाम के लिए रणनीति फॉलो करते थे. उन्होंने यूपीपीसीएस प्री एग्जाम की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की कक्षा 5 से 12 तक की किताबें पढ़ीं. इन किताबों से उनका बेसिक तैयार हो गया. इन किताबों के माध्यम से उन्होंने प्री एग्जाम की तैयारी अच्छे से की. उन्होंने अपनी तैयारी के लिए सीमित सोर्स की ही मदद ली. एक टॉपिक के लिए उन्होंने ज्यादा सोर्स का यूज नहीं किया जिससे उनका समय बर्बाद न हो.
विवेकानंद का मानना है कि सोर्स लिमिट में ही हों जिससे आप किसी टॉपिक में फंस कर अपना समय न बर्बाद करें. UPPSC का सिलेबस काफी बड़ा है और समय कम ऐसे में समय का ध्यान रखते हुए पढ़ाई को पूरा करनी चाहिए. उन्होंने मेंस की तैयारी में आंसर राइटिंग पर ज्यादा ध्यान दिया.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा PCS और ACF / RFO एग्जाम कराया जाता है. इन एग्जाम के माध्यम से राज्य सरकार की प्रशासनिक सेवाओं के लिए ग्रुप ए और ग्रुप बी अधिकारियों का चयन किया जाता है. परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है. प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा और इंटरव्यू. प्रीलिम्स एग्जाम में दो पेपर होते हैं. वहीं मेन्स एग्जाम में 8 पेपर होते हैं.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा PCS और ACF / RFO एग्जाम कराया जाता है. इन एग्जाम के माध्यम से राज्य सरकार की प्रशासनिक सेवाओं के लिए ग्रुप ए और ग्रुप बी अधिकारियों का चयन किया जाता है. परीक्षा तीन फेज में आयोजित की जाती है. प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा और इंटरव्यू. प्रीलिम्स एग्जाम में दो पेपर होते हैं. वहीं मेन्स एग्जाम में 8 पेपर होते हैं.