CISCE ISC Result 2022: आईएससी कक्षा 12वीं बोर्ड में आनंदिता मिश्रा ने किया टॉप

काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) की आइएससी (बारहवीं कक्षा) की परीक्षा में शहर के विद्यार्थियों आनंदिता मिश्रा, आदित्य मिश्रा और काशिफ चोपड़ा ने देश भर में पहले दो स्थान प्राप्त किए। स्काटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा आनंदिता ने 99.75 अंक लेकर देश में पहला और इसी स्कूल के आदित्य और द श्रीराम स्कूल अरावली के छात्र काशिफ ने 99.5 प्रतिशत अंक लेकर संयुक्त रूप से दूसरा स्थान प्राप्त किया। इन विद्यार्थियों ने परिणामों को देखकर खुशी जाहिर की। एक बार फिर हिट हुई जुड़वां जोड़ी
आनंदिता मिश्रा
विषयवार अंक:
अंग्रेजी - 99, फिजिक्स -100, कैमेस्ट्री - 100, मैथ्स - 100, इकोनामिक्स - 99
आदित्य मिश्रा
विषयवार अंक :
अंग्रेजी - अंग्रेजी - 98, फिजिक्स -100, कैमेस्ट्री - 100, मैथ्स - 100, कंप्यूटर - 99
एक सी आदतें, एक सा दिमाग और एक सी सोच ने दोनों को लगभग हर कक्षा में एक से अंक दिलवाए। इस बार आनंदिता एक अंक से आगे हुईं लेकिन दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। पिता प्रभाकर नाथ मिश्रा और मां प्रीति मिश्रा ने बताया कि उन्हें बच्चों की सफलता पर नाज है। उन्होंने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि दसवीं कक्षा की ही तरह बच्चे इस बार भी अच्छे अंक प्राप्त करेंगे। मां प्रीति का कहना है कि कभी उन्हें बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं कहना पड़ा।
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निरवाणा कंट्री निवासी आनंदिता का कहना है कि उन्होंने कभी अंकों की रेस नहीं लगाई, वे बस अपनी पढ़ाई और ईमानदारी से मेहनत पर भरोसा करती रहीं। दोनों ने पढ़ाई साथ ही की और हर वक्त एक दूसरे का साया बने रहे। एक कुछ कमतर महसूस करता तो दूसरा पूरा सहयोग करता। साइंस स्ट्रीम (नान मेडिकल) से पढ़ाई करने वाली आनंदिता का कहना है कि घर पर परिवार का सहयोग और स्कूल में शिक्षकों का साथ उनकी इस सफलता का बड़ा कारण बना। उनका कहना है कि उन्होंने अपना फोकस कभी नहीं छोड़ा, यही वजह है कि दसवीं के बाद बारहवीं कक्षा में भी उन्हें सर्वाधिक अंक मिले।
परिणाम जानकर आनंदिता को बेहद खुशी हुई। वे अब आगे की पढ़ाई के लिए सिगापुर या यूके जाएंगी और अर्थशास्त्र में पढ़ाई करेंगी। इसके बाद वे बिहैवियरल इकोनामिक्स पढ़ेंगी। साहित्य प्रेमी आनंदिता ब्लाग लिखती हैं और इस बार उन्होंने लिखने के बजाय पढ़ने पर ध्यान दिया और छुट्टियों में विदेशी लेखकों की किताबें और अर्थशास्त्र से जुड़ा साहित्य पढ़ा।
भाई के एक अंक कम होने से थोड़ी उदास जरूर हुईं लेकिन मुख्य विषय में अभी भी दोनों ने शत-प्रतिशत अंक लिए और कक्षा दस से अधिक अंक प्राप्त करने की खुशी है। आदित्य का कहना है कि कभी पढ़ाई को लेकर किसी ने दबाव नहीं डाला लेकिन उन्होंने दसवीं कक्षा की परीक्षा में लकीर खींची थी तो उसका एक अनकहा सा तनाव था कि कहीं उससे कम अंक न आ जाएं।आदित्य विदेश जाकर कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। हर एक विषय को बराबर समय देकर निर्धारित घंटों में पढ़ाई की। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षकों की मदद ली और पढ़ाई के लिए कई घंटे नहीं देखे। दोनों भाई-बहन अपनी अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई करते थे।