मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन मुश्किलें बढ़ी, जैन के शामिल होने के पर्याप्त सबूत, ED की चार्जशीट से कोर्ट संतुष्ट

Delhi minister Satyendar Jain trapped in money laundering case, problems increased, sufficient evidence of Jain's involvement, court satisfied with ED's chargesheet

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में जैन के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों ने राजधानी में और उसके आसपास कृषि भूमि खरीदने के लिए हवाला की रकम का इस्तेमाल किया था।

छत्तीसगढ़: कोंडागांव में 4 स्टूडेंट्स नाला में डूबे, 2 को लाश मिली, दो की तलाश जारी, एग्जाम के बाद घूमने गए थे 9 छात्र

स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और चार फर्मों सहित आठ अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा दायर चार्जशीट पर शुक्रवार को संज्ञान लिया। अदालत ने चार कंपनियों समेत उन सभी आरोपियों को भी तलब किया जो हिरासत में नहीं थे और मामले की सुनवाई आठ अगस्त को तय की है। सत्येंद्र जैन वस्तुतः मौजूद थे, जबकि अंकुश और वैभव जैन को न्यायिक हिरासत से पेश किया गया था।

अदालत ने ईडी को निर्देश दिया कि वह सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन को चार्जशीट और अन्य संबंधित दस्तावेजों की एक-एक कॉपी उपलब्ध कराए। तीनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।जज ने कहा कि रिकॉर्ड में पेश दस्तावेजों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रथम दृष्टया आरोपियों की संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इस प्रकार, मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय पीएमएलए की धारा 3 के अंतर्गत अपराध का संज्ञान लिया जाता है।

दो आरोपियों को मिली अंतरिम जमानत

सुनवाई के दौरान, जज ने दो आरोपियों - अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन - को आठ अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की। मामले में अब तक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी।अदालत आठ अगस्त को इन दोनों आरोपियों की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई कर सकती है। इस दिन अन्य आरोपियों को पेश होने को कहा गया है। 


अदालत ने मेडिकल आधार पर सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल द्वारा दाखिल एक मेडिकल रिपोर्ट पर हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख (17 अगस्त) तक इस पर विचार नहीं करे।

ईडी ने सीबीआई द्वारा 24 अगस्त, 2017 को दर्ज एफआईआर के आधार पर सत्येंद्र जैन एवं अन्य के खिलाफ धन शोधन रोकथाम की धाराओं के तहत जांच शुरू की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार में मंत्री रहने के दौरान 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के बीच जैन ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।

ईडी ने 27 जुलाई को दायर की थी चार्जशीट


ईडी ने एक बयान में कहा कि चार्जशीट या अभियोजन शिकायत यहां 27 जुलाई को स्पेशल मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट में दायर की गई थी और अदालत ने इसका संज्ञान लिया है।

ईडी ने चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और सहयोगियों अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन और कंपनियों अकिंचन डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड, प्रयास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है। 

सत्येंद्र जैन 30 मई को हुए थे गिरफ्तार

आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में बिना पोर्टफोलियो के मंत्री 57 वर्षीय सत्येंद्र जैन को ईडी ने 30 मई को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी द्वारा उन्हें हिरासत में लेने से पहले जैन पर स्वास्थ्य, ऊर्जा और कुछ अन्य विभागों का चार्ज था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्री का बचाव करते हुए कहा था कि वह एक कट्टर ईमानदार और देशभक्त व्यक्ति हैं, जिन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है और उम्मीद है कि ईडी की जांच के बाद वह निर्दोष निकलेंगे। ईडी ने वैभव जैन और अंकुश जैन को भी गिरफ्तार किया था और वे भी मंत्री के साथ न्यायिक हिरासत में हैं। 

Share this story