Delhi-NCR Earthquake: हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली NCR में भूकंप, नेपाल रहा केंद्र

Delhi-NCR Earthquake: Earthquake in Delhi NCR for the second time in a week, Nepal being the center

Delhi-NCR Earthquake: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में एक बार फिर से धरती हिली है। शनिवार देर शाम 7.57 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। एक हफ्ते में दूसरी बार राजधानी में भूकंप का झटका महसूस किया गया है। वहीं, उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस हुए। एक बार फिर से भूकंप का केंद्र नेपाल रहा है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, राजधानी और उसके आसपास के गाजियाबाद, नोएडा जैसे इलाकों में तकरीबन 54 सेकंड तक झटकों को लोगों ने महसूस किया। भूकंप के फौरन बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। वहीं, हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले कई लोग भी अपनी सोसाइटी के बाहर आ गए। 

भूकंप का झटका महसूस होते ही लोगों ने इसकी पुष्टि करने के लिए सोशल मीडिया वेबसाइट्स का भी सहारा लिया। कई लोगों ने ट्विटर की ओर रुख किया और वहां अन्य यूजर्स के लिए जरिए जाना कि भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं, कई लोगों ने भूकंप को लेकर ट्विटर पर मजेदार मीम्स भी शेयर किए।

भूकंप आने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं


भूकंप आने पर अकसर ही हम घर से बाहर भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा तुरंत संभव नहीं हो पाता। ऐसे में भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। पास में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए। इस दौरान घर के अंदर ही रहें और बाहर न निकलें। बिजली के सभी स्विच को बंद कर देना चाहिए। आप घर से बाहर है तो कोशिश करें कि ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें। भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल भी करने से बचें।


हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली में भूकंप


इससे पहले बुधवार आधी रात को  दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस तरह एक हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली-एनसीआर की धरती हिली है। बुधवार को रात करीब 1:57 बजे यूपी के कुछ शहरों और दिल्ली व एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे। नेशनल सेंटर फॉर सेसमोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 आंकी गई थी, जिसका केंद्र नेपाल में धरती से करीब 10 किलोमीटर नीचे था। वहीं, नेपाल में भूकंप की वजह से कच्चे घरों को नुकसान भी पहुंचा था, जिससे कुछ लोगों की मौत हो गई थी।

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