Mainpuri News: दबंग के खेत में मजदूरी से इन्कार करने पर युवक की गोली मारकर हत्या, दो दिन पहले दी थी धमकी

मैनपुरी जिले में बेवर क्षेत्र के गांव नगला पैंठ निवासी युवक ने दबंग के खेत में मजदूरी करने से असमर्थता जताई तो दबंग ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के आलाधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। आरोपित की तलाश में दबिश दी जा रही है। घटना के बाद गांव में शोक बना हुआ है। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की गई है।
आलू की खोदाई का काम कर रहे थे
थाना बेवर के गांव नगला पैंठ निवासी दीपक सक्सेना बुधवार को पास के ही गांव नगला रते निवासी हरविलास यादव के खेत में आलू की खोदाई कर रहे थे। उनके साथ एक दर्जन अन्य मजदूर भी इसी काम को कर रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे नगला रते निवासी राधेश्याम अपने दो साथियों के साथ खेत पर पहुंच गया। पहले कुछ देर घूमता रहा फिर तमंचा निकाल कर दीपक सक्सेना की कनपटी में गोली मार दी। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग कर आरोपित और उसके साथी फरार हो गए। मजदूर की हत्या से दहशत फैल गई। गांव में तमाम लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस भी आ गई।
राधेश्याम के खेत में काम करने के लिए किया था मना
स्वजन के मुताबिक दो दिन पहले आरोपित राधेश्याम मजदूरी कराने के लिए दीपक सक्सेना के पास आया था। दीपक सक्सेना ने हरविलास यादव के खेत में मजदूरी करने की बात कहते हुए राधेश्याम के खेत में काम करने में असमर्थता जताई थी। तभी राधेश्याम ने दीपक को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। स्वजन के मुताबिक इसी रंजिश को लेकर दीपक की हत्या की गई है। घटना की रिपोर्ट दीपक के पिता इंद्रपाल ने राधेश्याम के खिलाफ दर्ज कराई गई है। एसपी कमलेश दीक्षित, एएसपी राजेश कुमार सिंह ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है। उन्होंने आरोपित की तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
मिस हो गई थी श्वान पर चलाई गई गोली
ग्रामीणों के मुताबिक घटना से आरोपित खेत में घूम रहा था। दीपक सक्सेना का खाना पास ही रखा था। एक श्वान (कुत्ता) दीपक सक्सेना का खाना उठाने के लिए आया। दीपक ने श्वान को भगा दिया, लेकिन श्वान फिर पहुंच गया। इस दौरान आरोपित राधेश्याम ने श्वान पर दाे बाद तमंचे से गोली चलाई, लेकिन दोनों बार कारतूस मिस हो गया। तीसरी बार आरोपित ने दीपक सक्सेना को निशाना बनाकर ट्रिगर दबा दिया। गोली लगने से दीपक की मौत हो गई। तीन साल पहले दीपक का विवाह सीमा के साथ हुआ था। दीपक खेतीबाड़ी और मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।