Noida: सेना की परीक्षा में फेल होने पर युवक ने आत्महत्या, सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने कहा कि भाई में फौजी नहीं बन पाया लेकिन तुम जरूर बनना

NOIDA News: सेना की परीक्षा में फेल होने पर एक युवक ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने कहा कि भाई में फौजी नहीं बन पाया लेकिन तुम जरूर बनना और बूढ़े माता-पिता का ख्याल रखना। युवक की मौत के बाद उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। युवक अग्निवीर परीक्षा में फेल हो गया था। परीक्षा का परिणाम 30 जनवरी को आया था। वो चार साल से आर्मी की तैयारी कर रहा था। इसके बाद से वो डिप्रेशन में था। सुसाइड से पहले उसने तीन पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा था।
मूल रूप से अलीगढ़ निवासी दीपू अपने छोटे भाई अमन व बुआ के लड़के अंशु के साथ बरौला गांव में विकास शर्मा के मकान पर में किराए पर रह रहा था। दीपू व अपने भाई के साथ यहां फौज में भर्ती होने की तैयारी कर रहे थे। सोमवार दोपहर को दीपू का भाई अमन व अंशु बाहर गए हुए थे। इस दौरान दीपू ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शाम के समय जब अमन व अंशु कमरे पर पहुंचे तो उन्हें दीपू फांसी के फंदे पर लटका मिला।
सुसाइड नोट में दीपू ने लिखा कि मै इस जन्म में नहीं अगले जन्म में फौजी बनकर दिखाउंगा। मैने आर्मी को अपनी जिंदगी माना था जब वो नहीं मिली तो ये जिंदगी किस काम की। छाटा भाई अमन को अच्छे से रखना प्रियंका की शादी अच्छे से करना। मै ऊपर जाकर सब देखुंगा।
मॉ की फोटो कॉपी पर रखकर लिखा सुसाइड नोट
दीपू ने सुसाइड नोट लिखते समय मॉ की फोटो कॉपी पर रखी थी। उसने लिखा मेरी फोटो कमरे में लगा देना और सारे सर्टिफिकेट भी उसी के साथ लगा देना। इसके अलावा अपने दोस्तों का जिक्र भी उसने सुसाइड नोट में किया है।
अलीगढ़ का रहने वाला है युवक
पुलिस ने बताया दीपू जिरोली डोर थाना लोधा अलीगढ का रहने वाला है। शव का पोस्टमॉर्टम कराकर अलीगढ़ के लिए भेज दिया गया है। वो यहां रहकर आर्मी की तैयारी कर रहा था।
भाई गए थे बाहर घूमने
DCP हरिश्चंद्र ने बताया कि हाल ही में उसने सेना में भर्ती की परीक्षा दी थी। 30 जनवरी को परीक्षा परिणाम आया था। जिसमें वह फेल हो गया था। इसके बाद से ही वह तनाव में था। दीपू का भाई अमन और अंशु कमरे से बाहर गए थे। इसी दौरान उसने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया। पुलिस को उसके पास से सुसाइड नोट मिला है। मृतक दीपू के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों सौंप दिया जाएगा।
'मेरे अधूरे ख्वाब अधूरी कहानी'
'वैसे तो मैने कभी हार नहीं पर कहते है ना कि इंसान गलत काम अपनी खुशी से नहीं कर कुछ मजबुरियां उसे गलत काम करने पर मजबूर कर देती है। मम्मी मैं बहुत दिनों से सो नहीं पा रहा था। रात को नींद नहीं आती। जब से आर्मी का टेस्ट दिया था। उस दिन से इसी बात का डर था नंबर आएगा या नहीं आएगा पाना और तुम कितनी उम्मीदे लेकर थे। मै तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर पाया। लेकिन तुम उदास मत होना। इस जन्म में न अगले जन्म में फौजी बनकर जरूर दिखाउंगा।'
'मैने आर्मी को अपनी जिंदगी माना था। जब वो मिली नहीं तो ये जिंदगी किसा काम की। मेरे बहुत समने थे क्या क्या सोचा था मैने लेकिन मेरी मेहनत का मुझे कोई फल नहीं मिला। अमन को अच्छे से रखना प्रियंका की शादी अच्छे से करना मैं ऊपर जाकर सब देखूंगा। रोहित माफ करना मेरे दोस्त जिंदगी भर का साथ निभाने का वादा किया। लेकिन तुझे अकेला छोड़ कर जा रहा। मेरे अमन का ध्यान रखना।'
'मम्मी मेरी एक फोटो लगाना घर में और मेरे सारे सर्टिफिकेट ट्रॉफी उन फोटो के साथ लगाना। इस जन्म न सही अगले जन्म में फौजी बनकर दिखाउंगा। बड़ी मम्मी बडे पापा तुम्हारी याद आएगी। मुझे मै क्या करू मुझे नींद नहीं आती है मै सोना चाहता हूं जी भर के। रोहित , आमिर, संदीप, वीरेश, अभिषेक, श्यामू, हिमांशु ,विशाल तुम सब लोग से बहुत प्यार मिला। मुझे माफ कर अंदर से जीने की उम्मीद खत्म हो गई अब नहीं जिया जाता। बस याद रखना तुम्हे जब भी मेरी याद आए करे रात के आसमान की तरफ देख लिया करना। एक तारा बनकर नजर आया करुंगा। और रोना नहीं बिल्कुल भी । प्रियंका बेटा ध्यान रखना मम्मी पापा का।'
'मैने चार साल खूब मेहनत की लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। अपने मां- पापा का नाम रोशन नहीं कर सका। मै अपने कान्हा जी के पास जा रहा हूं। वो मुझे बुला रहे है। पापा तुम ज्यादा काम मत करना तुम बहुत काम करते हो मुझे पता है। मै वापस आउंगा जरूर, और अमन सुन ये प्यार-व्यार के चक्कर कभी मत पड़ना सब कबवास है। बस अपने टारगेट पर ध्यान रखना देना कि मुझे कुछ करना है कुछ बनाना है।'
'रोहित चलता हूं मै यार'
'याद आ रही है तेरी बहुत तू दोस्त बना लेना कोई अपना ठीक है। मुकुल भैया मुझे माफ करना मै आपसे दो साल से नहीं बोला। तुम्हारा कोई कसूर नहीं था जो किस्मत लिखा है वहीं मिलता है। और अब क्या लिखू जिता लिखूंगा उतना कम है ठीक है चलता हूं।'