नोएडा प्राधिकरण को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत:एनजीटी के आदेश को किया स्थगित, लगाया था 100 करोड़ का जुर्माना

एनजीटी ने नोएडा प्राधिकरण को एक मामले में 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को राहत देते हुए आदेश को स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल, पांच अगस्त को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। ये जुर्माना नोएडा के अभिष्ठ कुसुम गुप्ता की एक याचिका पर लगाया गया था। इसमें कहा गया था कि दिल्ली से नोएडा में प्रवेश कर सेक्टर-168 होते हुए यमुना तक जाने वाले करीब 21 किमी लंबे सिंचाई नाले की साफ-सफाई नहीं की गई।
पर्यावरण प्रदुषण के लिए ठहराया था जिम्मेदार
नोएडा प्राधिकरण और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से जो भी तथ्य प्रस्तुत किए गए वे इस प्रयोजन के लिए नाकाफी रहे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने माना कि नाले की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ था। इसको लेकर यूपी व दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अथॉरिटी की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए थे। एनजीटी ने आदेश में दिल्ली जल बोर्ड को भी फटकार लगाते हुए 50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के खाते में दोनों अथॉरिटी को अलग-अलग जमा करनी थी।
मामले में दायर हुई थी पुनर्विचार याचिका दायर
इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी, जिसमें प्राधिकरण की याचिका को खारिज करते हुए फटकार लगाई और कहा कि आप हायर कोर्ट जा सकते हैं। अभिष्ठ गुप्ता ने बताया कि नाले की सफाई के मामले को लेकर एक अक्टूबर 2018 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहां सुनवाई के दौरान एनजीटी जाने के लिए कहा गया।
1 नवंबर 2018 को उन्होंने एनजीटी में याचिका दायर की। जिसमें 5 अगस्त को एनजीटी ने सुनवाई करते हुए नोएडा प्राधिकरण और दिल्ली जल बोर्ड के खिलाफ निर्देश दिए थे।अब सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को राहत देते हुए आदेश को स्थगित कर दिया गया है