ग्रेटर नोएडा के जीटा-1 स्थित एस प्लेटिनम सोसायटी में महिला ने फांसी लगाकर जान, सुसाइड से पहले की पति को वीडियो कॉल: अब मैं दुनिया से जा रही हूं... बच्चों का ख्याल रखना और फिर फंदे पर झूल गई

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के जीटा-1 स्थित (Greater Noida Zeta 1) एस प्लेटिनम सोसाइटी (ACE PLATINUM SOCIETY) निवासी महिला ने कानपुर में इंजीनियर पति को वीडियो कॉल कर कहा कि दुनिया से जा रही हूं, बच्चों का खयाल रखना। घबराकर पति ने सोसाइटी के मेटेनेंस विभाग को कॉल किया। मदद नहीं मिलने पर अन्य जानकारों और सूरजपुर पुलिस को कॉल की।
पुलिस ने दरवाजे का लॉक तोड़ा। फ्लैट में महिला ने फंदे से लटकी मिली। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला के पति ने बताया कि वह पतले होने की दवा खा रही थी और डिप्रेशन की शिकार थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।सिविल इंजीनियर अंश कुमार पत्नी रिया (30) (Riya Suicide) और दो बच्चों के साथ जीटा-1 स्थित ऐस प्लेटिनम सोसाइटी (Greater Noida Zeta 1 Ace Platinum) में रहते हैं। मूलरूप से बिहार निवासी अंश कानपुर की कंपनी में सिविल इंजीनियर है। घटना के वक्त अंश कुमार कानपुर में थे। सोमवार दोपहर पत्नी रिया ने वीडियो कॉलिंग कर कहा कि अपने बच्चों का ख्याल रखना, वह दुनिया छोड़कर जा रही है।
अंश (Ansh) ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन काट दिया। फोन काटने पर अंश घबरा गए और वापस कई बार कॉल की लेकिन फोन पर बात नहीं की। उन्होंने सोसाइटी की सिक्योरिटी को कॉल की लेकिन कॉल नहीं उठा। इसके बाद सोसाइटी में किराना स्टोर व्यापारी को कॉल कर घटना की जानकारी दी।
सोसाइटी के कुछ लोग इकट्ठा होकर पहुंचे तो देखा दरवाजा अंदर से बंद था और घंटी बजाने पर भी कोई बाहर नहीं निकला। सोसाइटी निवासियों ने 112 नंबर कॉल की तो पुलिस ने दरवाजे का लॉक तोड़कर प्रवेश किया। फ्लैट के अंदर रिया पंखे में दुपट्टे के फंदे पर लटकी हुई थी। पुलिस ने आनन-फानन महिला को लोगों की मदद से अस्पताल में लेकर पहुंची। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस की पूछताछ में अंश ने बताया कि परिवार में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। वह सोच भी नहीं सकते थे कि उनकी पत्नी आत्महत्या कर लेगी। अंश ने बताया कि रिया कुछ दिनों से अवसाद में थी और पतले होने की दवा खा रही थी। पुलिस सभी बिंदुओं को देखते हुए जांच कर रही है। घटना की शिकायत अभी तक पुलिस में नहीं की गई है।
बॉडी शेमिंग डिसऑर्डर से गहरे अवसाद में पहुंच जाते हैं लोग
मनोवैज्ञानिक डॉ. आनंद प्रताप सिंह कहते हैं कि बहुत से लोग मोटे या पतले होने पर अवसाद में आ जाते हैं। मनोवैज्ञानिक भाषा में इसे बॉडी शेमिंग डिसऑर्डर कहा जाता है। इस डिसऑर्डर में व्यक्ति को अपराध बोध और शर्म महसूस होती है। बीमारी में व्यक्ति बुरी तरह से अवसाद का शिकार हो जाता है। वह बार-बार तुलना करता है कि अन्य लोगों से वह बहुत खराब दिखता है।
वह सोचता है कि शारीरिक बनावट समाज में स्वीकार्य नहीं है। उसे उचित स्थान नहीं मिलता। ऐसी भावना से ग्रसित होने के बाद धीरे-धीरे अवसाद में चला जाता है। सही समय पर बॉडी शेमिंग के लिए मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सकीय मदद न मिलने पर व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेता है। ग्रेनो में इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।