Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बर्थडे के दिन 2 साल की बच्ची की मौत, पानी के टब में डूबी, मां बोली- उसके लिए लाल कलर की फ्राक लाए थे, अब उसका क्या करें

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बर्थडे के दिन ही दो साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची घर में खेलते समय पानी से भरे टब में गिर गई थी। बच्ची की मां ने जब देखा तो वह टब में बेहोशी की हालत में पड़ी थी। मां ने तुरंत बेटी को बाहर निकाला। परिजन उसे आनन-फानन में अस्पताल ले गए। जहां शनिवार-रविवार पूरी रात उसका इलाज चला। रविवार सुबह डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना बादलपुर के दुजाना गांव की है।
बच्ची की मौत की खबर सुनते ही माता-पिता दोनों बेसुध हो गए। परिजन बच्ची के शव को लेकर घर वापस आ गए। घर की सारी खुशियां मातम में बदल गईं। बच्ची की मौत 12 मार्च को हुई है, इसी दिन उसका बर्थडे भी था। परिवार ने उसी दिन बच्ची का अंतिम संस्कार भी कर दिया। मरने वाली बच्ची का नाम साक्षी है।
घटना की पूरी कहानी बच्ची के पिता की जुबानी...
बच्ची के पिता चंद्रपाल (40) ने बताया कि रविवार को बेटी साक्षी का बर्थडे था। शनिवार से ही उसका बर्थडे मनाने की तैयारियां चल रही थीं। बच्ची का पहला बर्थडे नहीं मना पाए थे इसलिए दूसरा बर्थडे धूमधाम के साथ मनाने की तैयारी थी। घर में सब बहुत खुश थे। अगले दिन रिश्तेदारों और मित्रों को आना था। इसी को लेकर पत्नी घर में साफ-सफाई कर रही थी। वहीं मैं अपनी बेटी के लिए उसका फेवरेट केक लेने गया था।
पत्नी ने दोनों बेटों से कहा था- बहन का ख्याल रखना
मेरे जाने के बाद पत्नी (37) दोनों बेटों (एक की उम्र 4 और दूसरे की उम्र 6 साल) के पास साक्षी को छोड़कर अंदर घर की सफाई करने चली गई। तीनों बच्चे आंगन में थे। पत्नी ने वहीं पर कपड़े धुलने के लिए टब में पानी भरकर रखा था। साथ ही उसने दोनों भाइयों से बहन का ख्याल रखने के लिए कहा था।
दोनों बेटे एक-दूसरे के साथ खेल रहे थे। वहीं पर साक्षी बैठी हुई थी। उसी दौरान पता नहीं कब साक्षी खेलते खेलते टब के पास पहुंच गई और मुंह के बल टब में गिर गई। जिससे उसके रोने की भी आवाज नहीं आई। इस बीच, वहां खेल रहे दोनों भाई आपस में इतना मशगूल रहे कि उन्हें बहन का ध्यान नहीं रहा।
दोनों बच्चे पास में ही खेलते रहे और बहन टब में रखे पानी में गिर कर डूब गई। उन्हें घटना की भनक भी नहीं लगी। कुछ देर के बाद जब घर की सफाई करने के बाद पत्नी वहां आई तो उसे साक्षी कहीं दिखाई नहीं दी। वह उसे आस-पास खोजने लगी। इसी दौरान उसकी नजर टब पर पड़ी। बेटी को टब में देखकर पत्नी चिल्लाने लगी।
काफी मन्नतों के बाद हुई थी बेटी
पिता ने बताया कि पत्नी की आवाज सुनकर आसपास के लोग आ गए। सभी लोग आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल भागे। मैं केक लेकर घर वापस आ रहा था तभी पत्नी का फोन आ गया और उसने बताया साक्षी डूब गई है। वो कुछ बोल नहीं रही है। घर पहुंचने पर पता चला कि बच्ची को लेकर सभी अस्पताल चले गए हैं तो मैं भी अस्पताल की तरफ भागा।
वहां बच्ची का रात भर इलाज चला। सुबह-सुबह डॉक्टरों ने साक्षी को न बचा पाने की बात की। हमें क्या पता था बेटी का साथ बस 2 साल का है। इतनी मन्नतों के बाद दो बेटों के बाद घर में बेटी हुई थी वो भी छोड़कर चली गई।
अपने हाथों से बेटी को तैयार किया था
बेटी के जाने के बाद से मां का हाल बुरा है। वो यकीन नहीं कर पा रही है कि उसकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। वो बार-बार यही बोल रही है मैंने अपने हाथों से अपनी बेटी को तैयार किया था। उसको झूले में बैठाकर मैं काम कर रही थी। उसके भाइयों को उसके पास ही खेलने के लिए छोड़ा था। पता नहीं कब वो टब के पास पहुंच गई।
बर्थडे पर बेटी को पहनाने वाले थे रेड फ्राक
मां ने कहा, बेटी के लिए लाल रंग की फ्राक खरीद कर लाए थे। सोचा था बेटी को वही फ्राक पहनाकर केक कटवाएंगे। अब उस फ्राक का हम लोग क्या करें। मैंने क्यों अपनी बेटी को अकेला छोड़ दिया। मैं उसके साथ रहती तो आज मेरी बेटी जिंदा होती।
बता दें, चंद्रपाल की एक 2 साल की बेटी थी। उसके 4 साल और 6 साल के दो बेटे भी हैं। चंद्रपाल प्राइवेट नौकरी करते हैं। वही पत्नी घर का काम करती है।