सुप्रीम कोर्ट में राणा अय्यूब की याचिका खारिज:गाजियाबाद की PMLA कोर्ट में चलेगा मनी लॉन्ड्रिंग केस, क्राउड फंडिंग में धोखाधड़ी का है आरोप

Ghaziabad News: सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गाजियाबाद कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया था। इस समन को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वहां से याचिका खारिज होने से साफ हो गया है कि राणा अय्यूब पर अब मनी लॉन्ड्रिंग का केस गाजियाबाद की PMLA कोर्ट में ही चलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही राणा अय्यूब को कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है।
समन से राहत पाने को सुप्रीम कोर्ट गई थीं राणा अय्यूब
गाजियाबाद की PMLA कोर्ट ने राणा अय्यूब को समन जारी करके 27 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया था। इस समन को चुनौती देते हुए राणा अय्यूब ने अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी को पहली सुनवाई की और गाजियाबाद कोर्ट से अनुरोध किया कि 27 जनवरी को समन पर सुनवाई न करें।
इस याचिका पर दूसरी सुनवाई 31 जनवरी को हुई। अय्यूब की अधिवक्ता का कहना था कि इस पूरे मामले का क्षेत्राधिकार मुंबई का है। ऐसे में समन जारी करने का क्षेत्राधिकार गाजियाबाद कोर्ट का नहीं बनता। उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राणा अय्यूब की याचिका को खारिज कर दिया है।
इंदिरापुरम थाने में दर्ज हुई थी FIR
'हिंदू IT सेल' के फाउंडर विकास सांकृत्यायन ने राणा अयूब के खिलाफ पिछले साल गाजियाबाद के थाना इंदिरापुरम में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। ईडी ने इस केस की जांच की और पिछले दिनों आरोप पत्र गाजियाबाद कोर्ट में दायर कर दिया।
आरोप- 2.69 करोड़ फंड आया, खर्च किए सिर्फ 29 लाख
गाजियाबाद की PMLA कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में ED ने कहा है कि राणा अय्यूब ने ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केट्टो पर तीन कैंपेन शुरू किए थे। इनके जरिए अप्रैल-मई 2020 के बीच स्लम में रहने वाले लोगों और किसानों के लिए, जून-सितंबर 2020 के बीच असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य के लिए और मई-जून 2021 में कोरोना प्रभावित लोगों के लिए फंड जुटाया गया।
राणा अय्यूब को 2.69 करोड़ रुपए का डोनेशन मिला, जिसमें से 80.49 लाख रुपए फॉरेन करेंसी में आए। इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशंस एक्ट (FCRA) का उल्लंघन करने के आरोप में राणा अय्यूब के खिलाफ जांच शुरू की, जिसके बाद अय्यूब ने फॉरेन डोनेशन लौटा दिया।
ED के मुताबिक, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जो फंड जुटाया गया वह पहले अय्यूब के पिता और बहन के अकाउंट में आया और यहां से अय्यूब के पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर किया गया। इसमें से 50 लाख रुपए लेकर अय्यूब ने अपने लिए फिक्स्ड अकाउंट खोला, जबकि 50 लाख रुपए दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। सिर्फ 29 लाख रुपए राहत कार्यों में इस्तेमाल किए गए।